Dr. Sneha Thakore

श्रीरामचरितमानस

श्रीरामचरितमानस एक ऐसा ग्रन्थ है जिसकी उपादेयता किसी भी भूखंड या किसी भी कालखंड तक भी सीमित नहीं रह सकती. भारतीय परिपेक्ष्य में तो जन-जन इससे परिचित है पर वैश्र्विक स्तर पर भी इसकी उपादेयता किसी भी प्रकार कम नहीं है.

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Sita

बुनियाद

सीता के बारे मे सुना है सबों ने
सुना है सबों ने राम रावण की कथा
सत्य द्वापर त्रेता इन तीनों मे तो थी ही सीता
अब कलियुग के दहलीज़ पर खड़ी है सीता ,अकेली पर नई नवेली।
आज किया है वह इस दुनिया पे राज
हर जगह मिलती है उसकी कामयाबी की आवाज़
फिर भी है बेदर्द ज़माना हिलती रही
उसकी बुनियाद।

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Dr. Vimlesh Kanti Verma

भारतीय साहित्य और उसकी वैश्विक प्रतिष्ठा

भारत के सांस्कृतिक वैभव तथा भारतीय साहित्य की संपन्न परम्परा ने विदेशी विद्वानों को निरंतर आकृष्ट किया है ।भारत के स्वतन्त्र होने से पहले सामान्यतः विदेश में भारतीय साहित्य से तात्पर्य संस्कृत साहित्य से ही होता था।

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