Dr. Sneh Thakore

मेरा साहित्य युवा-वर्ग को क्या संदेश देता है?

किसी भी तत्त्व को बिना सोचे-समझे, बिना उसकी तह में जाए, बिना उसका अध्ययन-परीक्षण किए, निर्मूल, बेकार घोषित करना अक्लमंदी नहीं, कल्याणकारी नहीं. पुरातन से आप न केवल वो शिक्षा कि क्या करना चाहिए वरन यह भी शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं कि क्या नहीं करना चाहिए.

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