On middle-aged birthday

By Dr. Priyana Jain, CDAC, Vicharak Manch
Dr. Priyana Jain, CDAC, Vicharak Manch

A Reason for Being” Ikigai (生き甲斐) (A Japanese concept) refers to having a meaningful direction or purpose in life with actions spontaneous and willing. Taken towards achieving one’s ikigai resulting in satisfaction and a sense of meaning to life. “A birthday focuses your sense of identity,” says Edward Shelley, clinical professor of psychiatry at Columbia University. “Beneath the festive surface, it forces you to look at your life, your yesteryear.”

Moving out of the routine and setting the scene may be one of the purposes to commemorate the moment. Evidently, the showers of blessings, wishes, and gifts along with astonishment by many surprises may amaze any ordinary individual. Especially when the loved ones are showing their love or the significance of concern by the means of upgraded maturity.

Nevertheless, you can’t measure the innumerable “Ikigai”. Knowledge, power, money, not even the precious peaceful relations are the definition of success what I feel, but are the only indication of the desired path to the utmost goal.

Well, the degree of achievement is not the degree of attainment because what got you here won’t get you there.

“जीवन का कारण” Ikigai (生き甲斐) (एक जापानी अवधारणा ) सहज और इच्छुक कार्यों के साथ जीवन में एक सार्थक दिशा या उद्देश्य प्रस्तुत करता है। यह एक ikigai प्राप्त करने की दिशा में लिया गया विचार है जिससे संतोष और जीवन के लिए अर्थ की भावना पैदा होती है। कोलंबिया विश्वविद्यालय में मनोचिकित्सा के प्रोफेसर एडवर्ड शेली कहते हैं – “आपका जन्मदिन आपकी पहचान की भावना को केंद्रित करता है। यह आपको अपने जीवन की तरफ़, ख़ास तौर से अपने गत समय की तरफ़ एक उत्सव की तरह देखने के लिए प्रेरित करता है।”

इस क्षण को यादगार बनाने के उद्देश्य से रोज़मर्रा की दिनचर्या से हट कर कुछ नया किया जा सकता है और किया जाना चाहिए भी । जाहिर है, ढेर सारे आशीर्वाद, शुभकामनाओं और उपहारों की बौछार किसी भी सामान्य व्यक्ति को ख़ुशी से विस्मित कर सकती है। विशेष रूप से, जब आपके अपने प्रियजन अपने परिपक्व प्यार के साथ अपनी चिंता का महत्व दिखाई दे रहे हों।

फिर भी, आप अगणीय ” Ikigai ” को माप नहीं सकते। मुझे लगता है कि ज्ञान, शक्ति, पैसा और यहाँ तक की कीमती शांतिपूर्ण संबंध भी सफलता की परिभाषा नहीं है, जो कि सर्वोच्च लक्ष्य के लिए वांछित मार्ग का एक संकेत मात्र है।

खैर, उपलब्धि का मापदंड सिद्धि का मापदंड नहीं है क्योंकि जो तुम्हें यहाँ लेकर आया है वो वहाँ नहीं ले जा पायेगा ।

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About the author

डॉ प्रियंका जैन, सी-डैक दिल्ली में सह निदेशक के रूप में कार्यरत हैं । पिछले २० वर्षों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ग्रुप में काम करते हुए उन्होंने राष्ट्रीय महत्त्व के कई मिशन मोड प्रोजेक्ट्स का कुशलतापूर्वक सञ्चालन किया । वह अपने पी. एच. शोध के लिए 'अवसर’ AWSAR (Augmenting Writing Skills for Articulating Research) पुरुस्कार की विजेता हैं, जिसका आयोजन भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद जी की उपस्थिति में विज्ञान भवन में National Science Day 2020 को हुआ । उनके तकनीकी और साहित्य में अंतरराष्ट्रीय- राष्ट्रीय स्तर पर कई प्रकाशन हैं जो कि हिंदी अधिकारी पद का कार्यभार संभालते हुए हिंदी व् अंग्रेजी दोनों भाषाओं में हैं ।