Cultural identity in India

Cultural Identity: a boon or a curse?

Knowledge and Culture are two different things but are very much connected to each other. Knowledge refers to reason. Culture refers to emotion. These are like the two most important parts of our body, i.e. brain and heart. The whole body would cease to function without synchronizing the two. So both of them play a momentous role in life. Knowledge and Culture are inter-dependent. In this era of globalization, you lack cultural identity. This crisis of Cultural identity may play havoc in the lives of many. What do you think?

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Sheel Nigam at Vicharak Manch

पत्रकारिता का बदलता स्वरूप: आम आदमी

पत्रकारिता का आरम्भ मेरी नज़र में तब से हुआ जब मानव ने नगाड़े बजा-बजा कर अपने सन्देश भेजने शुरू किये। और तब से लेकर आज तक अनगिनत सोपानों को पार कर अपने परिष्कृत रूप में पत्रकारिता का हर माध्यम अपने-अपने नगाड़े बजा कर डंके की चोट पर अपने सन्देश दृश्य और श्रव्य रूप में प्रसारित कर रहा है। आज इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के युग में जहाँ पत्रकारिता का स्वरूप अपने आप में पूर्णता लिए हुए है वहीं पर उस पर कई आरोप भी लग रहे हैं, जिससे अंतत: आम आदमी ही प्रभावित होता दिखाई पड़ता है- फिर चाहे वह माध्यम दृश्य हो या श्रव्य।

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Dr. Sneha Thakore

श्रीरामचरितमानस

श्रीरामचरितमानस एक ऐसा ग्रन्थ है जिसकी उपादेयता किसी भी भूखंड या किसी भी कालखंड तक भी सीमित नहीं रह सकती. भारतीय परिपेक्ष्य में तो जन-जन इससे परिचित है पर वैश्र्विक स्तर पर भी इसकी उपादेयता किसी भी प्रकार कम नहीं है.

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Srimad Bhagwad Gita

श्रीमद्भगवद्गीता की शिक्षा

श्रीमद्भगवद्गीता में वर्णित श्री कृष्ण का जो संदेश हम सब लोग जो इसे देखते-पढ़ते रहे हैं, वे हमारे जीवन के लिए बहुत उपयोगी रहे हैं।  आज के इस समय में,…

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