Dr. Vimlesh Kanti Verma

भारतीय साहित्य और उसकी वैश्विक प्रतिष्ठा

भारत के सांस्कृतिक वैभव तथा भारतीय साहित्य की संपन्न परम्परा ने विदेशी विद्वानों को निरंतर आकृष्ट किया है ।भारत के स्वतन्त्र होने से पहले सामान्यतः विदेश में भारतीय साहित्य से तात्पर्य संस्कृत साहित्य से ही होता था।

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Dr. Sneh Thakore

मेरा साहित्य युवा-वर्ग को क्या संदेश देता है?

किसी भी तत्त्व को बिना सोचे-समझे, बिना उसकी तह में जाए, बिना उसका अध्ययन-परीक्षण किए, निर्मूल, बेकार घोषित करना अक्लमंदी नहीं, कल्याणकारी नहीं. पुरातन से आप न केवल वो शिक्षा कि क्या करना चाहिए वरन यह भी शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं कि क्या नहीं करना चाहिए.

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